एमएसयू की बैठक में मिथिला राज्य केलिए संसद का घेराव करने की तैयारियों पर हुई चर्चा।
दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्र नेताओं की बैठक रविवार को आयोजित की गई। बैठक में मिथिला राज्य के लिए आगामी 21 अगस्त को संसद का घेराव करने पर चर्चा की गयी। वक्ताओं ने कहा कि हम बिहारी नहीं, मैथिल हैं और यही हमारी पहचान है। हमारी मिथिला को जबरदस्ती बिहार में मिला दिया गया है और बिहार में हमारे साथ भेदभाव किया जाता है। यहां तक कि बिहार गीत में भी मैथिली और मिथिला की उपेक्षा की गई है। पूरे बिहार गीत में न तो कवि विद्यापति हैं और न ही मां जानकी। विकास के नाम पर भी मिथिला की उपेक्षा की गई। आईआईटी की बात हो या सेंट्रल यूनिवर्सिटी की, मिथिला हमेशा से उपेक्षित रहा है। यही वजह है कि हम लोग अलग मिथिला राज्य की मांग कर रहे हैं। छात्र नेताओं ने कहा कि मिथिला की अपनी अलग संस्कृति और अलग भाषा है। मिथिला हमेशा से अलग राज्य रहा है। यही वो भूमि है जिसने पूरे विश्व को वैशाली के जरिए गणतंत्र का पाठ पढ़ाया। हम चाहते हैं कि मिथिला अलग राज्य बने, जिससे इसका विकास हो। बाढ़ मिथिला की सबसे बड़ी समस्या है। अगर कोसी नदी पर हाइड्रो पॉवर प्लांट्स लगाएं जाएं तो इससे इतनी एनर्जी जेनरेट होगी कि बिहार और मिथिला ही नहीं, पूरे भारत को जगमगाया जा सकता है। उन्होंने दरभंगा, तिरहुत, कोसी, पूर्णिया, मुंगेर, भागलपुर और झारखंड के दुमका प्रमंडल को मिलाकर अलग मिथिला राज्य के गठन की मांग की।
बैठक में छात्र नेता अविनाश भारद्वाज, गोपाल चौधरी, विद्या भूषण राय, अनूप मैथिल, राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मोहन, जिप सदस्य धीरज कुमार झा, सागर नवदिया, शिवेंद्र वत्स व विनय ठाकुर आदि उपस्थित थे।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग में, आधा दर्जन से अधिक घर जलकर राख।
दरभंगा: मंगलवार का दिन जिले के पतोर थाना क्षेत्र के खैरा गांव के लिए अमंगल साबित हुआ। यहां…