Home Featured विद्यार्थियों के विरोध के कारण नही शुरू हो सका सेंट्रल आईसीयू में मरीजों का इलाज, धरी रह गयी तैयारियां।
July 11, 2022

विद्यार्थियों के विरोध के कारण नही शुरू हो सका सेंट्रल आईसीयू में मरीजों का इलाज, धरी रह गयी तैयारियां।

दरभंगा : दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर स्थित बीएससी नर्सिंग कालेज में बने नए केंद्रीय गहन चिकित्सा कक्ष में सोमवार को मरीजों का इलाज नहीं शुरू किया जा सका। बीएससी नर्सिंग कालेज में स्थापित आइसोलेशन वार्ड में बने केंद्रीय गहन चिकित्सा कक्ष का विरोध यहां की छात्र छात्राओं ने किया। वे भवन के मुख्य द्वार पर हाथों में तख्तियां लेकर बैठ गए। वे लोग नर्सिंग कॉलेज भवन एवं हॉस्टल भवन को खाली करवाने की मांग को लेकर कॉलेज भवन मे धरना दिया।

छात्र-छात्राओं का कहना था कि यह बीएससी नर्सिंग कॉलेज का भवन है, यहां कोरोना जैसी महामारी के दौरान आपातकालीन स्थिति में कोरोना आईसीयू बनाया गया था। अब स्थिति सामान्य हुई है तो डीएमसीएच अधीक्षक इसे सेंट्रल आईसीयू बनाने की बात कह रहे हैं जिससे हम सभी छात्र छात्रा आहत हुए हैं। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द बीएससी नर्सिंग कॉलेज भवन एवं हॉस्टल भवन को खाली करवाकर इसमें रहने एवं पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करवाया जाए।

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बताते चलें कि कोरोना काल के दौरान नए भवन की आवश्यकता को देखते हुए नर्सिंग कॉलेज भवन का उपयोग कोरोना आईसीयू के रूप में किया गया। वही नर्सिंग हॉस्टल भवन में डीएमसीएच का सर्जरी एवं ऑर्थो विभाग चलाया जा रहा है, क्योंकि डीएमसीएच का पूर्व का सर्जरी एवं ऑर्थो विभाग का भवन पूरी तरह जर्जर हो गई है। इसलिए आपातकालीन स्थिति में उस विभाग को भी हॉस्टल भवन में जारी रखा गया है। अब सेंट्रल आईसीयू बनाने की बात को सुन छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए और धरने पर बैठ गए।

इस दौरान आंदोलनकारी छात्र – छात्राओं को समझाने आए डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा, अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा समेत चार विभागों के विभागाध्यक्ष बैरंग लौट गए। बताया गया है कि चार विभागों के मरीजों के एक साथ इलाज लिए आठ बेड के केंद्रीय गहन चिकित्सा कक्ष का निर्माण बीएससी नर्सिंग कालेज परिसर में किया गया है। आइसोलेशन वार्ड में स्थापित इस यूनिट को आज से शुरू किया जाना था। इस बीच जैसे कालेज के छात्र छात्राओं को जानकारी लगी वो यहां के मुख्य द्वार पर हाथों में तख्ती लेकर बैठ गए डीएमसीएच के अधिकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। छात्र छात्राओं के हाथों में तख्तियों पर लिखा था- बंद करो, बंद करो, हमारे कालेज को अस्पताल बनाना बंद करो। शौक नही मजबूरी है, ये स्ट्राईक जरूरी है। आवर बिल्डिंग आवर राइट आदि।

छात्र छात्राओं ने बताया कि सरकार ने छात्र – छात्राओं के लिए सरकार ने यहां उत्तम व्यवस्था की है। लेकिन , नामांकन के बाद छात्रावास में रहने और कालेज में पठन – पाठन के लिए जगह नहीं मिली। दो माह पूर्व उनलोगों को पठन – पाठन के लिए नर्सिंग कालेज के पांच तल्ले भवन के दो तल्ले पर जगह मिली। इसमें भी यह कालेज अभी तक कोरोना वार्ड में तबदील है । उधर , छात्रावास में सर्जरी और हड्डी रोग के मरीजों का इलाज चल रहा है। इसी में छात्रों का एक समेस्टर बीत गया। जबतक कालेज मरीजों से मुक्त नही होगा। तबतक विरोध जारी रहेगा।

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