विद्यापति के तैल चित्र को संसद भवन में लगाया जाय : डॉ. गोपालजी।
दरभंगा: भाजपा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने कहा कि कविकोकिल बाबा विद्यापति भारतीय साहित्य और संस्कृति के न केवल सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक पहचान है, बल्कि सगुण भक्तिमार्ग मार्ग के जिस परंपरा को उन्होंने स्थापित किया। आज भी हर सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि संसद के सेंट्रल हॉल में कविकोकिल बाबा विद्यापति के तैल चित्र लग जानें से साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों का जहां सम्मान बढ़ेगा। वहीं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना भी मजबूत बनेगी। इस संबंध में सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दूरभाष पर इस सम्बंध में आग्रह करने के बाद उपरोक्त विचार व्यक्त किए।
सांसद डॉ. ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि विगत दिनों वे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के साथ संयुक्त रूप से लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला से भेंट कर अपनी भावना से अवगत कराया था और उन्होंने इस संबंध में शीघ्र पहल करने का आश्वासन दिया था।
सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला को कवि कोकिल विद्यापति के बारे में बताते हुए कहा कि वे न केवल कवि और संगीतकार थे, बल्कि धर्म, साहित्य, न्याय, दर्शन तथा कर्मकांड के महान ज्ञाता थे। जिनका यश और कीर्ति सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है। बाबा विद्यापति को भक्ति परंपरा का महान साधक बताते हुए कहा कि उनकी भक्ति भावना से प्रसन्न होकर त्रिलोकनाथ भगवान शिव स्वयं उनके यहां चाकरी करने के बहाने उनके सानिध्य मे बने रहने का अवसर प्राप्त किए थे और उनके अंत समय में मां गंगा उनके समीप आकर उन्हे अपने अंदर समाहित कर ब्रह्मलीन हुए थे।
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