Home Featured प्रतियोगिता में कोई जीतता तो कोई सीखता है : प्रो पुष्पम नारायण ।
October 18, 2019

प्रतियोगिता में कोई जीतता तो कोई सीखता है : प्रो पुष्पम नारायण ।

दरभंगा : प्रकृति का कण-कण संगीतमय है।प्राचीन काल से ही त्योहारों,उत्सवों एवं मेलों आदि के अवसर पर जन-मनोरंजन हेतु उच्च स्वर में गाने की प्रथा रही है।संगीत का प्रभाव मानव पर ही नहीं, वरन पशु-पक्षियों पर भी सदा सकारात्मक पड़ता है।उक्त बातें भारत विकास परिषद् , विद्यापति शाखा,दरभंगा के तत्वावधान में एपेक्स फाउंडेशन के पश्चिम दिग्धी, दरभंगा स्थित कार्यालय में आयोजित राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग की पूर्व अध्यक्षा प्रो पुष्पम नारायण ने कहा। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में कोई व्यक्ति हारता नहीं है,बल्कि कोई जीतता है तो कोई सीखता है। हर व्यक्ति में कोई न कोई स्वभाविक गुण होता है जो ऐसे अवसरों पर प्रस्फुटित होता है।
प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए परिषद् के प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि संगीत हमारे जनजीवन से अभिन्न रूप से संबद्ध रहा है।यह सदा समाज को एक-दूसरे से जोड़ता है।मिथिला की सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में संगीत का महत्व सर्वोपरि है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहा है। विषय प्रवेश कराते हुए परिषद् के सचिव डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि मिथिला की संस्कृति संगीतमय रही है। संगीत की परंपरा अत्यंत प्राचीन एवं समृद्धशाली रही है।यह नर को नारायण से जोड़ता है।संगीत मनोरंजन का उत्तम साधन तो है ही साथ ही यह हमारे जीवन में टॉनिक का भी काम करता है।
परिषद् के सेवा संयोजक सुशील कुमार ने कहा कि संगीत भक्ति का सशक्त माध्यम है।सभ्यता के विकास साथ ही संगीत का भी विकास हुआ। यह हमारी शिक्षा-पद्धति का अभिन्न अंग है।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रो रामानंद यादव ने कहा कि संगीत भावों को व्यक्त करने का एक सरल एवं सशक्त माध्यम है।इससे हमारा तन- मन प्रसन्न हो जाता है।संगीत हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। आजकल संगीत चिकित्सा से अनेक बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।कार्यक्रम को डॉ भक्तिनाथ झा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आयोजित गायन- प्रतियोगिता में रचना रितु, शुभांगी झा,स्नेहा झा, सिमरन कुमारी,साक्षी कुमारी तथा स्नेहा कुमारी का चयन किया गया,जिन्हें 20 अक्टूबर,2019 को मुजफ्फरपुर में आयोजित प्रांतीय गायन-प्रतियोगिता में भेजा जाएगा।विजयी सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
आगत अतिथियों का स्वागत फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ के के चौधरी ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन परिषद् के कोषाध्यक्ष आनंद भूषण ने किया।

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