सौरभ हत्याकांड के विरोध में कैंडल मार्च निकाल ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल।
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दरभंगा: सिंहवाड़ा थानाक्षेत्र के चर्चित युवा व्यवसायी सौरभ झा हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने एवं मामले के उदभेदन का दावा कर पुलिस ने भले अपनी पीठ थपथपा ली हो, पर परिजनों एवं ग्रामीणों में पुलिस की कार्यशैली पर संदेह व्याप्त है। उन्होंने की पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही मामले का स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
बुधवार की शाम इसी के विरोध में मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में जुटकर कैंडल मार्च निकाला। यह कैंडल मार्च मृतक सौरभ झा के घर के पास से निकलकर सिंहवाड़ा थाना तक पहुंचा। तत्पश्चात प्रखंड मुख्यालय परिसर में सभा मे तब्दील हो गया।
मार्च के दौरान सभी ने हाथों में सौरभ को न्याय दो आदि नारे की तख्तियां ले रखी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस इस घटना और घटना की साजिश में शामिल अभियुक्तों को बचाने और मामले की लीपापोती में लगी है। इस जघन्य घटना को केवल एक युवक द्वारा अंजाम देना संभव नही है। साजिश रचकर कुछ लोगों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, पर उन्हें थाने से ही छोड़ दिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि सौरभ झा को न्याय नहीं मिला और मामले का स्पीडी ट्रायल नहीं हुआ तो आगे आंदोलन और तेज होगा।
कैंडल मार्च के दौरान साहेब महाराज, जीतू राउत, रितेश सिंह, प्रमोद झा, बमबम मिश्र, राजीव ठाकुर, केशव पांडेय, नीरज कुमार आदि सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
बताते चलें कि गत 13 सितंबर की सुबह सिंहवाड़ा थाना परिसर से सटे आम के बगीचे में 20 वर्षीय युवा व्यवसायी सौरभ झा की लाश मिली थी। धारदार हथियार से कई जगह वार कर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गयी थी। घटना के 72 घंटे के भीतर नामजद मुख्य अभियुक्त राजाराम साह के पुत्र ऋषिकेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले के उदभेदन का दावा किया था। पर परिजनों का आरोप है कि पुलिस अन्य अभियुक्तों को बचाने में लगी है।
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दरभंगा: प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष विनोद कुमार…