अपने घर के बच्चों और बच्चियों में नहीं करें अंतर: प्राक्षी प्रिया।
दरभंगा: जिला परियोजना समन्वय इकाई की ओर से बेला मोड़ स्थित एक होटल में दरभंगा और सुपौल जिलों के जीविका के दीदी अधिकार केंद्र के समन्वयकों और नोडल कर्मियों के लिए चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 27 जुलाई तक चलेगा।
मौके पर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज संस्था से तीन प्रशिक्षक जेंडर विशेषज्ञ श्रीकांत, शेखर और प्राक्षी प्रिया ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह को रोकने तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए यह प्रशिक्षण आवश्यक है। इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की आवाज को बुलंद किया जाएगा एवं लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलाव विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें लाभांवित किया जाएगा। प्राक्षी प्रिया ने कहा अपने घर में बच्चों और बच्चियों में अंतर नहीं करें और अपने अधिकारों को समझते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें।
सामाजिक विकास प्रबंधक नरेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर लैंगिक भेद-भाव की शिकार महिलाओं के लिए एक सहायता और परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। केंद्र में पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर समाधान मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लिंग आधारित हिंसा रोकना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और पीड़ित महिलाओं को दीदी अधिकार केंद्र के माध्यम से उचित परामर्श देकर उनके अधिकार दिलाना है। इसके अलावा, विभिन्न सहायक सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं जैसे महिला थाना, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण केंद्र, सखी वन स्टॉप सेंटर आदि के साथ समन्वय स्थापित कर पीड़ित महिलाओं को यथोचित लाभ दिलाना है।
संचार प्रबंधक बलराम कृष्ण ने कहा यह अधिकार केंद्र एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आसानी से अपनी समस्याएं बता सकेंगी और उनसे निजात पा सकेंगी।
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