Home Featured उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में घंटे भर तक अंधेरे में होता रहा मरीजों का ईलाज।
August 4, 2024

उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में घंटे भर तक अंधेरे में होता रहा मरीजों का ईलाज।

दरभंगा: जिस दरभंगा में एम्स निर्माण और बड़ी बड़ी परियोजना के शुरू होने का दावा किया जा रहा है, वहां पहले से मौजूद उत्तर बिहार के सबसे अस्पताल डीएमसीएच की बदहाली इस दावों की पोल खोलती नजर आती है। रविवार को बिजली की आंख मिचौली जारी रही। ऐसे में डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग में भी ब्लैक आउट दिखा। दिन के 10 बजे करीब घंटे भर तक बिजली गुल रही और इस बीच गंभीर मरीजों का इलाज एवं पुर्जा आदि मोबाइल टॉर्च की रौशनी में लिखा जाता रहा। सबसे बड़ी बात कि इस अवधि में जेनेरेटर भी चालू नहीं किया गया।

Advertisement

बताया जाता है कि सुबह करीब 10 बजे इमरजेंसी विभाग की बिजली अचानक गुल हो गई। उस समय मेडिसिन परीक्षण कक्ष में करीब 10 और सर्जरी-आर्थोपेडिक परीक्षण कक्ष में छह मरीजों का उपचार चल रहा था। चारों तरफ से बंद कमरे में बिजली कटने से अंधेरा छा गया। मोबाइल टॉर्च की रौशनी में नर्सों ने मरीजों को इंजेक्शन दिया। बताया जाता है कि अंधेरे में चिकित्सकों मरीजों की जांच रिपोर्ट, एक्सरे आदि देखने में भारी असुविधा हुई।

Advertisement

करीब 11:15 बजे जब बिजली की रौशनी हुई। तब जाकर चिकित्सकों और मरीजों ने राहत की सांस ली। बता दें कि डीएमसीएच में बिजली की आंखमिचौनी लंबे समय से चल रही है जबकि यहां वैकल्पिक बंदोबस्त के तौर पर जेनरेटर सेवा देने की जिम्मेवारी एजेंसी को मिली हुई है। उसे प्रतिमाह लाखों का भुगतान भी किया जा रहा है। बिजली गुल होने के दौरान जेनरेटर नहीं चलाया गया।

Advertisement

वहीं डीएमसीएच के उपाधीक्षक हरेंद्र कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिजली समस्या के स्थायी निदान के लिए डीएमसीएच का ग्रिड अलग बनाने की कोशिश हो रही है। घंटेभर बिजली कटने पर जेनरेटर क्यों नहीं चालू हुआ, इसकी जांच कर आवश्यक कारवाई की जाएगी।

Share

Check Also

निर्मला सीतारमण के कार्यक्रम को लेकर बदला ट्रैफिक रूट, पार्किंग स्थल का हुआ चयन।

दरभंगा:  शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कार्यक्रम   विश्वविद्यालय थाना क्षेत्…