Home Featured अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर, ओपीडी ठप होने के साथ इमरजेंसी सेवा भी चरमराई।
August 16, 2024

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर, ओपीडी ठप होने के साथ इमरजेंसी सेवा भी चरमराई।

दरभंगा: कोलकाता में महिला डॉक्टर से हुई बर्बरता और उसके बाद चिकित्सकों से हुई मारपीट की घटना के विरोध में देश भर के डॉक्टरों का गुस्सा बढ़ रहा है। की राजधानी पटना समेत अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में बीते तीन दिनों से ओपीडी सेवा प्रभावित हो रही है। इससे मरीजों को इलाज न मिलने पर परेशानी हो रही है। वहीं दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के भी रेजिडेंट डॉक्टर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा डीएमसीएच के सभी सेवाओं के अनिश्चिकालीन बहिष्कार की घोषणा कर दी गयी है।

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इस हड़ताल के कारण इमरजेंसी विभाग में मरीजों का इलाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। शुक्रवार की सुबह जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल में ओपीडी सेवा ठप कर दी। ऑपरेशन थिएटरों में दिन भर ताला लटका रहा। गायनी विभाग में भी डिलीवरी पूरे दिन ठप रही। हड़ताल के कारण डीएमसीएच से मरीजों का पलायन शुरू हो गया है। इलाज बिना ओपीडी से सैकड़ों मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती है तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। इमरजेंसी विभाग परिसर में शामियाना लगाकर जूनियर डॉक्टर पूरे दिन धरने् पर बैठे रहे।

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शुक्रवार की सुबह बड़ी संख्या में इलाज के लिए दूर-दूर से मरीज डीएमसीएच के ओपीडी पहुंचे थे। दोबारा हड़ताल होने की जानकारी मिलने पर मरीजों के बीच अफरातफरी मच गई। इमरजेंसी विभाग में गंभीर मरीजों का इलाज सुनिश्चित करने को अधीक्षक डॉ. अलका झा वहां पहुंचीं।

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उन्होंने इलाज को लेकर वरीय चिकित्सकों से विचार-विमर्श किया। वरीय चिकित्सकों ने मरीजों के इलाज की कमान थाम ली। हालांकि दोपहर दो बजे वरीय चिकित्सकों के जाने के बाद इमरजेंसी विभाग पीओडी और एसओडी के सहारे रह गया। लेकिन जूनियर डॉक्टरों की गैर मौजूदगी में वहां भी चिकित्सा चरमरा गई।

अधीक्षक डॉ. अलका झा ने इमरजेंसी विभाग में चिकित्सा व्यवस्था समान रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि अन्य सेवाओं को भी सुचारू रखने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

उधर, डीएमसीएच जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम शर्मा ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। डीएमसीएच का पूरा परिसर चारों तरफ से खुला हुआ है। परिसर में उचक्कों की सक्रियता रहती है। परिसर में अतिक्रमण है। सड़कों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। उन्होंने पूरे परिसर में सीसीटीवी लगाने की मांग की। डॉ. घनश्याम ने कहा कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती है, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।

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