दो रक्तवीरों ने बचाई बुजुर्ग महिला की जान।
दरभंगा: हादसा कब किसके साथ हो जाए, किसी को पता नही होता है। पर यदि इस घड़ी में यदि किसी को खून की आवश्यकता हो तो अपने भी देने से हिचकते हैं। ऐसे में यदि कोई निस्वार्थ भाव से रक्तदान कर किसी की जान बचा ले तो वह ईश्वर का भेजा दूत ही कहलाता है।
कुछ ऐसा ही वाकया मंगलवार को दरभंगा में देखने को मिला है, जहां एक बुजुर्ग महिला की जान ऐसे ही दो रक्तवीर मो0 सईदुल और मो0 जावेद के रक्तदान से बची है। दरअसल, जिले के मब्बी थाना क्षेत्र की रहने वाली स्व0 वसी अहमद की पत्नी हूर मलक को अचानक हार्ट अटैक आने के बाद शहर के नाका पांच अवस्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल दो यूनिट खून की आवश्यकता बताया।
खून का कहीं से प्रबंध नहीं होने पर उनके परिजनों ने अपने रिश्तेदार वॉयस ऑफ दरभंगा के पत्रकार लालबाबू अंसारी से संपर्क किया। लालबाबू की पहल पर शहर के करमगंज मुहल्ला निवासी मो0 आलमगीर के पुत्र मो0 सईदुल और मधुबनी जिला के लौकहा थानाक्षेत्र के खिलही गांव निवासी अब्दुल कुद्दुस के पुत्र मो0 जावेद खून देने को तैयार हो गए। दो लालबाबू अंसारी के साथ अस्पताल पहुंचे और अपना रक्तदान कर बुजुर्ग महिला की जान बचायी।
बुजुर्ग के परिजनों ने दोनों रक्तवीरों के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही वॉयस ऑफ दरभंगा के पत्रकार लालबाबू अंसारी को उनकी पहल के धन्यवाद दिया।
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