Home Featured डॉ जाकिर हुसैन महाविद्यालय में 11जून से 16 जून तक चलेगा कार्यशाला।
June 11, 2019

डॉ जाकिर हुसैन महाविद्यालय में 11जून से 16 जून तक चलेगा कार्यशाला।

दरभंगा कार्यालय:दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा मंगलवार को बी.एड. सत्र 2018-20 के छात्र-अध्यापकों का छः दिवसीय कार्यशाला 11 जून से 16 जून 2019 डॉ. ज़ाकिर हुसैन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, दरभंगा में आयोजित किया जा रहा है । इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि बी.एम.ए. महाविद्यालय, बहेड़ी के प्रधानाचार्य डॉ. सत्यनारायण पासवान ने छात्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा की विद्यालयों से आप ज्ञान तैयार कर उन बच्चों को हमारे पास उच्च्तर, माध्यमिक, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में भेजते है तो उनका संवर्द्धन महाविद्यालय शिक्षकों के द्वारा किया जाता है । कार्यशाला के उद्देश्यों के बिषय में उन्होंने कहा कि कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान का उपयोग समाज के अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति के लिए करे, उन्हें समाज और राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें। इससे राष्ट्र की एकता और अखंडता संवृद्व होगी। डॉ. पासवान ने शैक्षिक मूल्यों पर ज़ोर देते हुए कहा कि सही शिक्षा और वैचारिक शब्दों से ओतप्रोत बच्चों को तैयार करके जब आप इन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे तो राष्ट्र का नाम विश्व स्तर पर परचम लहराएगा।

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक ने प्राथमिक शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि जहाँ प्राथमिक शिक्षा का महत्व होगा वह समाज सबसे विकसित और बुद्धजीवी होगा।
अकेला शिक्षक अगर चाहे तो सकारात्मक रूप से किए गए कार्य से समाज मे नई क्रांति ला सकता है। आपको अपनी क्षमता पहचानने की जरूरत है आज के समय मे बच्चो में कम्युयूनिकेसन स्किल जरूरी है। जिसे किसी भी बिषय में नही पढ़ाया जाता है और यह ज्ञान उन्हें आपके द्वारा दिया जा सकता है।
मदद करने की मंशा बच्चो में जागृत करें जिससे उन्हें समाज और देशभक्ति की भावना जागेगी। आपके द्वारा वर्ग में बैठे उन बच्चों को पहचानने की जरूरत है जो कमजोर और मानशिक, शैक्षणिक रूप से कमजोर है उन बच्चों से संवाद की क्षमता बढाइये जिससे बच्चे अंदर से मजबूत होंगे।
डॉ. जाकिर हुसैन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ. डी. एन. सिंह ने कहा कि उदेश्य, सफलता एवं लक्ष्य की प्राप्ति में सफलता मिले इसके लिए कार्यशाला करना आवश्यक है। यह कार्यशाला
आपके व्यक्तित्व में निखार लाएगा और शैक्षणिक ज्ञान का विकास करेगा। उन्होंने कहा की आप अध्यापक है ही परंतु आपकी उपलब्धि तभी होगी जब आपके नाम से गौरवान्वित शब्द जुड़ा हो। आप शिक्षा के नई तकनीकों वृद्धि करें और अपनी वृद्धि को अपने वर्ग के बच्चों में स्वानुशासन एवं अनुशासन पैदा करें, समय के अनुपालन करें। आपके शिक्षा से आपके छात्रों को शारिरिक और मानसिक में विकास हो। तभी यह कार्यशाला सार्थक होगा।
उपनिदेशक डॉ. विजय कुमार ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य बौद्धिक विकास के साथ -साथ व्यक्तित्व में निखार लाना है। भाषा के सार्थक प्रयोग, संस्कृति-की समझ ,इतिहास बोध नैतिक मूल्यों के प्रति निष्ठा कर्त्तव्य निष्ठा, मेहनत आदि के सहारे व्यैक्तिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षक एवं चिकित्सक अपनी गरिमा खो चुके है अतः शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए कि वो अपनी पुरानी गरिमा को फिर से बहाल करें।। सहायक निदेशक डॉ. शम्भू प्रसाद आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों की चर्चा की। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्यवक डॉ. अखिलेश मिश्र ने किया। कार्यकम का समापन निधि वत्स के निर्देशन में राष्ट्रगान से किया गया।

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