Home Featured मैथिली को मिलना चाहिए राजभाषा का दर्जा : डॉ० उषा झा।
December 18, 2022

मैथिली को मिलना चाहिए राजभाषा का दर्जा : डॉ० उषा झा।

दरभंगा: मिथिला राज्य संघर्ष समिति की ओर से मैथिली साहित्य परिषद परिसर में गणपति झा बैद्य की अध्यक्षता में मिथिला मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। रत्नेश्वर झा के संचालन में मुख्य अतिथि डा. विद्यानाथ झा ने कहा कि जल प्रबंधन के माध्यम से ही मिथिला का सर्वांगीण विकास संभव है। प्रो. उदय शंकर मिश्र ने कहा कि मिथिला के चीनी मिल, जूट मिल और पेपर मिल को साजिश के तहत बंद कर दिया गया। नया उद्योग और उन्नत खेती की व्यवस्था नहीं की। मिथिला के पलायन के जिम्मेदार तमाम राजनीतिक दल हैं। जब तक मिथिला राज्य की स्थापना नहीं हो जाती तब तक मिथिला का विकास संभव नहीं। इस अवसर पर जमीनी आंदोलन का सुझाव चंद्रेश ने दिया।

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डा. उषा झा ने कहा कि मैथिली को राजभाषा की मान्यता मिलनी चाहिए। रतनेश्वर झा ने कहा कि कि मिथिला राज्य आंदोलन के लिए मिथिला मंथन प्रत्येक प्रमंडलीय मुख्यालय में होगा । संस्था के महासचिव समस्तीपुर के प्रेमजीत, उपाध्यक्ष प्रो. पीके प्रेम और अध्यक्ष निवर्तमान महासचिव प्रभारी दयाशंकर मिश्र बनाए गए। मंथन को मणि भूषण राजू, सुजीत कुमार, आचार्य शशि भारद्वाज, डा. विनोद चौधरी, हेमचंद्र बालाजी, राजेश चौधरी, सर्जन मिश्रा, मुन्नी मधु, रेणु झा, आदि ने संबोधित किया।

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